पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर इंडेक्स में मजबूती के कारण सोने की कीमतों में 2.7% की गिरावट दर्ज की गई। सोना $2,858 प्रति औंस तक गिर गया, जो पिछले तीन महीनों में सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट थी। भारतीय बाजार में भी एमसीएक्स पर सोना 2% से ज्यादा गिरकर ₹84,219 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है और जल्द ही सोने की कीमतें $3,000 प्रति औंस और ₹88,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद क्यों?
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत मिल रहे हैं। 27 फरवरी को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ दिसंबर तिमाही में घटकर 2.3% रह गई, जो सितंबर तिमाही में 3.1% थी। इसके अलावा, पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (PCE) में भी गिरावट दर्ज की गई है। इससे यह संभावना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे सोने की कीमतों को बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञों की राय
- कामा जूलरी के एमडी कोलिन शाह का कहना है कि ट्रेड वॉर और जियोपॉलिटिकल टेंशन से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।
- प्रभुदास लीलाधर के सीईओ संदीप रायचुरा ने कहा कि सोने के लिए अगला टारगेट $3,000 प्रति औंस है और यह स्तर जल्द ही हासिल हो सकता है।
- गोल्डमैन सैक्स ने 2025 के अंत तक सोने का अनुमान $3,100 प्रति औंस कर दिया है।
केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीद का असर
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, 2022, 2023 और 2024 में लगातार तीसरे साल केंद्रीय बैंकों ने 1,000 टन से अधिक सोना खरीदा है।
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- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2024 में अब तक 73 टन सोना खरीदा है।
- चीन के केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरे महीने अपने गोल्ड रिजर्व बढ़ाए हैं, जो अब 2,285 टन तक पहुंच गए हैं।
- मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीदारी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण सोने की कीमतें लंबी अवधि में मजबूत बनी रहेंगी।
चीन और पाकिस्तान की सोने की नई खदानों का असर
हाल ही में चीन और पाकिस्तान में बड़ी सोने की खदानें खोजी गई हैं। इससे इन देशों की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। चीन पहले से ही गोल्ड मार्केट में लीडर है, और इन नई खोजों से उसकी स्थिति और मजबूत होगी। पाकिस्तान को भी इन खदानों से आर्थिक सुधार में मदद मिल सकती है।
सोने का मार्केट कैप $20 ट्रिलियन के पार
पिछले 14 महीनों में सोने की कीमतें 50% तक बढ़ी हैं, जिससे इसका कुल मार्केट कैप पहली बार $20 ट्रिलियन के पार पहुंच गया है। यह आंकड़ा चीन की कुल जीडीपी से भी ज्यादा है।
हाल ही में सोने की कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन अमेरिकी डॉलर में कमजोरी, ब्याज दरों में संभावित कटौती, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और जियोपॉलिटिकल तनाव के कारण सोने की कीमतें लंबी अवधि में नई ऊंचाइयों पर जा सकती हैं। अगर आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है, तो सोना निवेश के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प बना रहेगा।
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