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खराब CIBIL Score वालों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, बैंकों को दिया झटका

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सिबिल स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और बैंक या वित्तीय संस्थान लोन स्वीकृत करने से पहले इसे चेक करते हैं। उच्च सिबिल स्कोर होने पर लोन आसानी से मिल जाता है, जबकि कम स्कोर होने पर लोन अस्वीकृत किया जा सकता है।

सिबिल स्कोर का महत्व

सिबिल स्कोर लोन स्वीकृति और ब्याज दरों को प्रभावित करता है।

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  1. लोन स्वीकृति में मदद – बैंक और वित्तीय संस्थान लोन देने से पहले सिबिल स्कोर को ध्यान में रखते हैं। अच्छा स्कोर होने पर लोन मिलने की संभावना अधिक होती है।
  2. ब्याज दर पर असर – जिनका सिबिल स्कोर उच्च होता है, उन्हें कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। वहीं, खराब स्कोर वालों को अधिक ब्याज चुकाना पड़ता है।
  3. क्रेडिट लिमिट – बैंक अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को उच्च क्रेडिट लिमिट प्रदान करते हैं।

सिबिल स्कोर खराब क्यों होता है?

सिबिल स्कोर कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

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  • समय पर लोन या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान न करना।
  • बार-बार नए लोन के लिए आवेदन करना।
  • जरूरत से ज्यादा क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना।
  • लोन की किस्तें लगातार मिस करना।

हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

हाल ही में केरल हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसमें कहा गया है कि कम सिबिल स्कोर के आधार पर एजुकेशन लोन अस्वीकार नहीं किया जा सकता

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फैसले के मुख्य बिंदु:

  • कोर्ट ने कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए और खराब सिबिल स्कोर इसका कारण नहीं बनना चाहिए।
  • बैंकों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी गई।
  • छात्रों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें लोन की सुविधा दी जानी चाहिए।

कैसे सुधारें अपना सिबिल स्कोर?

अगर आपका सिबिल स्कोर कम है, तो निम्नलिखित उपाय अपनाकर इसे सुधारा जा सकता है:

  1. समय पर भुगतान करें – लोन और क्रेडिट कार्ड की सभी किश्तें समय पर चुकाएं।
  2. ओवरड्यू से बचें – किसी भी प्रकार की लंबित राशि को जल्द से जल्द चुकाएं।
  3. क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करें – जरूरत के अनुसार खर्च करें और पूरा बिल समय पर चुकाएं।
  4. बार-बार लोन के लिए आवेदन न करें – बार-बार लोन लेने से सिबिल स्कोर कम हो सकता है।

सिबिल स्कोर का सीधा असर वित्तीय फैसलों पर पड़ता है। यह लोन की स्वीकृति, ब्याज दर, और क्रेडिट लिमिट को प्रभावित करता है। हाईकोर्ट का निर्णय एजुकेशन लोन के आवेदकों के लिए राहत की खबर है, जिससे विद्यार्थियों को बिना किसी बाधा के शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसलिए, हर व्यक्ति को अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए, ताकि भविष्य में वित्तीय जरूरतों को आसानी से पूरा किया जा सके।

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Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।

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