एलपीजी गैस सिलेंडर भारतीय घरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इसे स्वच्छ और सुविधाजनक ईंधन के रूप में व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है। 2025 में एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों और सरकारी योजनाओं में हुए बदलावों ने इसे और अधिक सुलभ बना दिया है। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का योगदान
1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई उज्ज्वला योजना ने भारत में एलपीजी के उपयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना था।
- अब तक 10.33 करोड़ कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं।
- लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 300 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है।
इस योजना ने न केवल गरीब परिवारों के जीवन में बदलाव लाया है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया है।
एलपीजी खपत में वृद्धि
पिछले कुछ वर्षों में भारत में एलपीजी की प्रति व्यक्ति खपत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- 2019-20 में प्रति व्यक्ति खपत 3.01 सिलेंडर थी।
- 2023-24 में यह बढ़कर 3.95 सिलेंडर हो गई।
- अक्टूबर 2024 तक यह आंकड़ा 4.34 सिलेंडर तक पहुंचने का अनुमान है।
यह वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि एलपीजी का उपयोग अब न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से बढ़ रहा है।
वितरण नेटवर्क का विस्तार
एलपीजी की पहुंच को बढ़ाने के लिए वितरण नेटवर्क को मजबूत किया गया है।
- 2014 में केवल 13,896 वितरक थे।
- 2024 तक यह संख्या बढ़कर 25,532 वितरक हो गई है।
- इनमें से 90% वितरक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि देश के हर कोने में एलपीजी की पहुंच हो सके।
पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव
एलपीजी के बढ़ते उपयोग ने पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला है।
- परंपरागत ईंधन जैसे लकड़ी और कोयले के उपयोग में कमी आई है।
- इससे वायु प्रदूषण और वनों की कटाई में कमी हुई है।
- स्वच्छ ईंधन का उपयोग ग्रामीण महिलाओं को धुएं से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बचा रहा है।
योजना की उपलब्धियां
उज्ज्वला योजना ने अपनी शुरुआत से लेकर अब तक कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं।
- 222 करोड़ एलपीजी रिफिल वितरित किए जा चुके हैं।
- प्रतिदिन लगभग 13 लाख रिफिल का उपयोग हो रहा है।
इससे यह साबित होता है कि उज्ज्वला योजना ने भारत में स्वच्छ ईंधन को हर घर तक पहुंचाने में सफलता हासिल की है।
एलपीजी गैस सिलेंडर भारत में स्वच्छ ईंधन क्रांति का प्रतीक बन गया है। सरकारी योजनाओं और बेहतर वितरण नेटवर्क ने इसे गरीब और ग्रामीण परिवारों के लिए सुलभ बनाया है।
हालांकि, कीमतों में वृद्धि एक चुनौती हो सकती है, लेकिन सब्सिडी और सरकारी प्रयासों के कारण इसका उपयोग लगातार बढ़ रहा है। यह न केवल जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
एलपीजी का बढ़ता उपयोग इस बात का संकेत है कि भारत स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।