भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में सिबिल स्कोर से जुड़े कुछ नए नियम लागू किए हैं, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होंगे। इन नियमों का उद्देश्य ग्राहकों को उनकी क्रेडिट स्थिति के बारे में अधिक जानकारी और पारदर्शिता प्रदान करना है। ये बदलाव न केवल ग्राहकों के लिए लाभदायक हैं, बल्कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों की जवाबदेही भी बढ़ाएंगे।
सिबिल स्कोर क्या होता है?
सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो किसी व्यक्ति के क्रेडिट इतिहास और वित्तीय अनुशासन को दर्शाती है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, जहां उच्च स्कोर बेहतर क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है।
सिबिल स्कोर की रेंज और उसका महत्व:
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- 800-900: उत्कृष्ट (लोन मिलने की उच्च संभावना)
- 750-799: अच्छा (अच्छी ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना)
- 700-749: संतोषजनक (लोन मिलने की संभावना, लेकिन उच्च ब्याज दर हो सकती है)
- 650-699: औसत (लोन मिलने में कठिनाई हो सकती है)
- 600-649: कमजोर (लोन मिलने की संभावना बहुत कम)
- 300-599: बहुत कमजोर (लोन मिलने की संभावना न के बराबर)
1 जनवरी 2025 से नए सिबिल स्कोर नियम
RBI द्वारा लागू किए गए नए नियमों के अनुसार, क्रेडिट स्कोर से संबंधित कई बदलाव किए गए हैं। आइए जानते हैं ये बदलाव:
1. हर 15 दिन में सिबिल स्कोर अपडेट होगा
पहले सिबिल स्कोर महीने में एक बार अपडेट किया जाता था, लेकिन अब यह हर 15 दिन में अपडेट होगा। यह अपडेट महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में किया जाएगा। इससे ग्राहक अपने स्कोर में बदलाव को जल्दी समझ पाएंगे और अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए सही कदम उठा सकेंगे।
2. बैंक को ग्राहक को सूचित करना अनिवार्य
जब भी कोई बैंक या वित्तीय संस्था किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करेगी, तो उसे ग्राहक को इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा। यह सूचना एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भेजी जाएगी, जिससे ग्राहक को अपने क्रेडिट इतिहास पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
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3. शिकायतों का समाधान 30 दिनों में करना होगा
यदि किसी ग्राहक को अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती मिलती है, तो उसे 30 दिनों के भीतर ठीक किया जाएगा। यदि कोई बैंक या वित्तीय संस्था इस समय सीमा का पालन नहीं करती है, तो उस पर ₹100 प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जाएगा।
4. बैंकों में नोडल अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य
हर बैंक को अब एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो ग्राहकों की क्रेडिट रिपोर्ट से जुड़ी समस्याओं को जल्द और सही तरीके से हल करेगा। इससे ग्राहकों की शिकायतों का समाधान जल्दी होगा।
5. वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाई जाएगी
इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ाना और ग्राहकों को उनके क्रेडिट स्कोर के प्रति अधिक जागरूक बनाना है। इससे ग्राहक अपने वित्तीय फैसले अधिक समझदारी से ले सकेंगे और अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर कर सकेंगे।
सिबिल स्कोर कैसे सुधारें?
यदि आपका सिबिल स्कोर कम है, तो आप निम्नलिखित उपाय अपनाकर इसे सुधार सकते हैं:
- समय पर भुगतान करें: सभी ऋणों और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान समय पर करें।
- क्रेडिट उपयोग कम करें: क्रेडिट कार्ड की सीमा का 30% से अधिक उपयोग न करें।
- क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें: समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें और किसी भी गलती को सही करवाएं।
- ऋण का सही मिश्रण रखें: केवल क्रेडिट कार्ड पर निर्भर न रहें, विभिन्न प्रकार के ऋण (जैसे होम लोन, पर्सनल लोन) भी लें।
- पुराने खाते चालू रखें: पुराने क्रेडिट खातों को बिना वजह बंद न करें, क्योंकि इससे आपका क्रेडिट इतिहास प्रभावित होता है।
1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले ये नए सिबिल स्कोर नियम ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद होंगे। हर 15 दिन में अपडेट होने वाला सिबिल स्कोर ग्राहकों को उनकी वित्तीय स्थिति को समझने और सुधारने में मदद करेगा। बैंकों और वित्तीय संस्थानों की जवाबदेही भी बढ़ेगी, जिससे क्रेडिट सिस्टम अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनेगा। यदि आप अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं, तो समय पर ऋण चुकाने और वित्तीय अनुशासन का पालन करने पर विशेष ध्यान दें।
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