अपना घर बनाने के लिए बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है, जिसे केवल बचत के माध्यम से पूरा करना मुश्किल होता है। इस वजह से ज्यादातर लोग बैंक से होम लोन लेने का विकल्प चुनते हैं। यदि आप भी होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो आपको इसके नियमों और शर्तों को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए।
होम लोन के लिए कौन-सा टेन्योर सही?
होम लोन लेने के दौरान ज्यादातर लोग ईएमआई को कम करने के लिए लंबी अवधि का लोन चुनते हैं। हालांकि, छोटी और लंबी अवधि के लोन दोनों के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। इसलिए, लोन लेने से पहले इसकी पूरी जानकारी लेना जरूरी है।
छोटी अवधि बनाम लंबी अवधि के लोन पर ब्याज दरों का असर
अगर कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये का लोन 9% ब्याज दर पर लेता है, तो –
- 15 साल की अवधि में कुल ब्याज 41.28 लाख रुपये देना होगा।
- 25 साल की अवधि में कुल ब्याज 75.87 लाख रुपये देना होगा।
इससे साफ है कि लंबी अवधि के लोन में कुल ब्याज ज्यादा चुकाना पड़ता है, लेकिन इसकी ईएमआई कम होती है, जिससे मासिक बजट पर कम असर पड़ता है।
मंथली इनकम के हिसाब से ईएमआई कितनी होनी चाहिए?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, मासिक आय का 40% तक ईएमआई के रूप में देना सही माना जाता है। लेकिन, कुछ लोग जल्दी लोन चुकाने के लिए ज्यादा ईएमआई का विकल्प चुनते हैं। यह कैश फ्लो की समस्या पैदा कर सकता है, खासकर तब जब –
- व्यक्ति की नौकरी चली जाए।
- किसी अचानक खर्चे की जरूरत पड़ जाए।
- किसी महीने अतिरिक्त आर्थिक दबाव आ जाए।
इसलिए, ईएमआई चुनते समय अपनी आर्थिक स्थिति का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
लंबी अवधि के लोन के फायदे
- ईएमआई कम होती है, जिससे मासिक खर्च पर कम असर पड़ता है।
- कैश फ्लो बेहतर बना रहता है और आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
- लोन को जल्दी प्रीपेड करने का विकल्प रहता है, जिससे आप 25 साल के लोन को 15 साल में चुका सकते हैं।
इमरजेंसी फंड क्यों जरूरी है?
होम लोन लेते समय व्यक्ति को 6 से 12 महीने के खर्च के बराबर इमरजेंसी फंड रखना चाहिए।
अगर नौकरी छूट जाए या कोई आर्थिक समस्या आ जाए, तो बैंक ईएमआई भुगतान पर रियायत नहीं देता। इससे क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है। इसलिए, होम लोन लेने से पहले इमरजेंसी फंड तैयार रखना बेहद जरूरी है।
होम लोन लेने से पहले लंबी और छोटी अवधि के लोन के फायदे और नुकसान समझना बहुत जरूरी है। कम ईएमआई से मासिक बजट आसान होता है, लेकिन ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है। वहीं, जल्दी लोन चुकाने से ब्याज कम लगता है, लेकिन कैश फ्लो प्रभावित हो सकता है। इसलिए, होम लोन लेने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति, ब्याज दरों और इमरजेंसी फंड की सही योजना बनाना जरूरी है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते, कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।